लॉकडाउन / महाराष्ट्र से लौटे मजदूरों ने कहा- जान का डर ताे सबकाे है साहब, बच्चे भूख से बिलखने लगे ताे पैदल ही घर के लिए निकल पड़े
जान का डर तो सभी को है साहब, लेकिन मजबूरी में सब करना पड़ रहा है। जान के डर से हम झोपड़ों में ही रह रहे थे, लेकिन जब खाने को अनाज नहीं मिला और बच्चे भूख से बिलखने लगे तो हिम्मत टूट गई। इसके बाद सामान उठाया और पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़े। यह मजबूरी भरी हकीकत एक व्यक्ति या परिवार की नहीं है। बल्…